Feb 13, 2009

marathi love poem internet chatting prem

मुझसे ये मत पूछो के कौन हूँ मैं,
खामोश रहने दो मुझे, मत मेरे ज़ख्म कुरेदो ,
अपने ही आँसूओं से भीगा हुआ कोई दिल है मेरा ,
जो बह निकलेगा कहीं तो सैलाब आजयेगा,
अपनों के लिए एक हसीं ख्याल हूँ मैं ,
गैरों के लिए एक हसीं सवाल हूँ मैं ,
एक अधूरा सा कोई खवाब हूँ मैं,
या तुम्हारे ख्वाबों का कोई जवाब हूँ मैं ,
शाम के डूबते हुए सूरज की हलकी सी धुप हूँ मैं ,
सुबह की ठंडी हवा का एक झोका भी हूँ,
तनहाइयों में जो कभी सुनते हो तुम वही साज हूँ मैं,
तुम्हारे दिल की गहराइयों में जो बसी है वो आवाज हूँ मैं ,
आईने में खुद को देख कर मुस्कुराने का अंदाज़ हूँ मैं ,
हर अँधेरी रात के बाद आने वाले दिन का आगाज़ हूँ मैं,
किसी मासूम चेहरे की मुस्कराहट भी हूँ ,
आने वाले हर लम्हे की आहट भी हूँ ,
किसी के दिल की नफरत भी हूँ मैं
किसी के दिल की चाहत भी हूँ ,
मुझे समझ सकोगे तो जान पाओगे मुझे !